Bhajan: श्री राम जानकी Bhakti Song Lyrics
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में लिरिक्स जय श्री राम, नहीं चलाओ, बाण व्यंग के, ए विभीषण, ताना न सेह पाऊँ, क्यों तोड़ी है माला, तुझे ए लंका पति बतलाऊँ, मुझ में भी है, तुझ में भी है, सब में है समझाऊं, ए लंका पति विभीषण ले देख, मैं तुझ को आज दिखाऊं, जय जय श्री राम, (२) श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में, श्री राम जानकी, बैठे हैं मेरे सीने में, कोरस - श्री राम जानकी, बैठे हैं मेरे सीने में, श्री राम जानकी, बैठे हैं मेरे सीने में, देख लो मेरे दिल के नगीने में, (२) श्री राम जानकी, बैठे हैं मेरे सीने में, कोरस - श्री राम जानकी, बैठे हैं मेरे सीने में, श्री राम...। मुझको कीर्ति न वैभव न यश चाहिए, राम के नाम का मुझको रस चाहिए, कोरस - मुझको कीर्ति न वैभव न यश चाहिए, राम के नाम का मुझको रस चाहिए, मुझको कीर्ति न वैभव न यश चाहिए, राम के नाम का मुझको रस चाहिए, सुख मिले.... सुख मिले ऐसे अमृत को पीने में, सुख मिले ऐसे अमृत को पीने में, श्री राम जानकी, बैठे हैं मेरे सीने में, कोरस - श्री राम जानकी, बैठे हैं मेरे सीने में, श्री राम...। राम रसिया हूँ मैं, राम सिमरन करूँ, सिया राम जी का सदा चिंतन ...