मन में बसा कर तेरी मूर्ति लिरिक्स - Man Mein Basa Kar Teri Murti Lyrics

मन में बसा कर तेरी मूर्ति,
उतारू मैं गिरधर तेरी आरती,

मन में बसा कर तेरी मूर्ति,
उतारू मैं गिरधर तेरी आरती,
हो मन में बसा कर तेरी मूर्ति,
उतारू मैं गिरधर तेरी आरती,

करुणा करो कष्ट हरो ज्ञान दो भगवन,
भव में फसी नाव मेरी तार दो भगवन,
दर्द की दवा तुम्हरे पास है,
हो ज़िंदगी दया की है भीख मांगती,
मन में बसा कर तेरी मूर्ति,
उतारू मैं गिरधर तेरी आरती,

मांगू तुझसे क्या में यही सोचूं भगवन,
ज़िंदगी जब तेरे नाम कर दी अर्पण,
सब कुछ तेरा कुछ नही मेरा,
हो चिंता है तुझको प्रभु संसार की,
मन में बसा कर तेरी मूर्ति,
उतारू मैं गिरधर तेरी आरती,

जिसने तेरा नाम लिया उसके जागे भाग,
सोते हुए जीवन से अब तो प्राण जात,

जिसने तेरा नाम लिया उसके जागे भाग,
सोते हुए जीवन से अब तो प्राण जात,
कम है ज़िंदगी कर लो बंदिगी,
प्रभु का हाथ हो तो मौत भी न मारती,
मन में बसा कर तेरी मूर्ति,
उतारू मैं गिरधर तेरी आरती,

वेद तेरी महिमा गाए, संत करे ध्यान,
नारद गुणगान करें, छेड़े वीणा तान,
भक्त तेरे द्वार करते है पुकार,
हो दास अनिरूद्ध तेरी गाये आरती,
मन में बसा कर तेरी मूर्ति उतारू,
मैं गिरधर तेरी आरती,

मन में बसा कर तेरी मूर्ति - Man Mein Basa Kar Teri Murti

मन में बसा कर तेरी मूर्ति - Man Mein Basa Kar Teri Murti Lyrics PDF

मन में बसा कर तेरी मूर्ति, उतारू मैं गिरधर तेरी आरती लिरिक्स : यह अनिरुद्धाचार्य जी का भजन PDF में Download करें और ऑफलाइन भी पढ़ें।

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