एक बार भोले भंडारी लिरिक्स - Ek Bar Bhole Bhandari Lyrics
एक बार भोले भंडारी बन कर ब्रज की नारी लिरिक्स
एक बार भोले भंडारी, (२)
बन कर ब्रज की नारी,
गोकुल में आ गये हैं। (२)
एक बार भोले भंडारी,
बन कर ब्रज की नारी,
गोकुल में आ गये हैं। (२)
पार्वती ने मना किया पर,
न माने त्रिपुरारि,
गोकुल में आ गये हैं। (२)
पार्वती ने मना किया पर,
न माने त्रिपुरारि,
गोकुल में आ गये हैं। (२)
हां एक बार भोले भंडारी,
बन कर ब्रज की नारी,
गोकुल में आ गये हैं। (२)
पार्वती से बोले भोले, मैं भी चलूँगा तेरे संग में, (२)
राधे संग कृष्ण नाचें, मैं भी नाचूंगा तेरे संग में,
रास रचेगा ब्रज में भारी, हमें देखा दे प्यारी,
गोकुल में आ गये हैं, गोकुल में आ गये हैं,
एक बार भोले भंडारी,
बन कर ब्रज की नारी,
गोकुल में आ गये हैं। (२)
पार्वती ने मना किया पर,
न माने त्रिपुरारि,
गोकुल में आ गये हैं। (२)
ओ मेरे भोले बाबा, कैसे ले जाऊँ तुम्हें साथ में, (२)
मोहन के सिवा कोई आवै नहीं इस रास में,
हँसी करेंगी ब्रज की नारी, (२) मानों बात हमारी,
गोकुल में आ गये हैं, गोकुल में आ गये हैं,
एक बार भोले भंडारी,
बन कर ब्रज की नारी,
गोकुल में आ गये हैं। (२)
पार्वती ने मना किया पर,
न माने त्रिपुरारि,
गोकुल में आ गये हैं। (२)
ऐसा सजा दे मुझको, कोई न जानें इस राज को, (२)
सहेली है ये मेरी, ऐसा बताना ब्रज राज को,
लगा के गजरा, बांध के साड़ी, (२) चाल चले मतवाली,
गोकुल में आ गये हैं, गोकुल में आ गये हैं,
एक बार भोले भंडारी,
बन कर ब्रज की नारी,
गोकुल में आ गये हैं। (२)
पार्वती ने मना किया पर,
न माने त्रिपुरारि,
गोकुल में आ गये हैं। (२)
ओ मेरे भोले बाबा, बलिहारी जाऊँ इस रूप को, (२)
एक दिन मोहन स्वामी, आ ही गये थे इस भेष में,
पहली पारी मोहन की थी, (२) अब की बारी तुम्हारी,
गोकुल में आ गये हैं, गोकुल में आ गये हैं,
एक बार भोले भंडारी,
बन कर ब्रज की नारी,
गोकुल में आ गये हैं। (२)
पार्वती ने मना किया पर,
न माने त्रिपुरारि,
गोकुल में आ गये हैं। (२)
ऐसी बजाई बंसी, सुद बुद भूले भोले नाथ रे, (२)
आ ही गये हैं शंभू, समझ गए बृज राज रे,
सरक गई जब सर से साड़ी, (२) मुस्काये बनवारी,
गोकुल में आ गये हैं, गोकुल में आ गये हैं,
एक बार भोले भंडारी,
बन कर ब्रज की नारी,
गोकुल में आ गये हैं। (२)
पार्वती ने मना किया पर,
न माने त्रिपुरारि,
गोकुल में आ गये हैं। (२)
ओ मेरे भोले बाबा, तब से वृंदावन हुआ धाम रे (२)
ओ मेरे प्यारे शंभू, तब से गोपेश्वर पड़ा नाम रे,
तारा चंद है शरण तिहारी, (२) रख लो लाज हमारी,
गोकुल में आ गये हैं, गोकुल में आ गये हैं,
एक बार भोले भंडारी,
बन कर ब्रज की नारी,
गोकुल में आ गये हैं। (२)
पार्वती ने मना किया पर,
न माने त्रिपुरारि,
गोकुल में आ गये हैं। (२)
एक बार भोले भंडारी - Ek Bar Bhole Bhandari
एक बार भोले भंडारी भजन - Ek Bar Bhole Bhandari Lyrics PDF
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